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लेखनी प्रतियोगिता -14-Mar-2022 बेटे की पुकार

घुटनौ के बल सरक सरक कर,

 ना जाने मैने कब चलना सीखा।
 माँ तेरे आँचल में लिपट लिपट कर,
  ना जाने कब माँ कहना  सीखा।।
 माँ तूने ही मुझको पढना लिखना सिखाया।
 माँ तूने ही मुझे रिश्तौ का अहसास  कराया।।
 माँ तूने ही मुझे अच्छे बुरे का ज्ञान कराया।
 माँ तूने ही मेरी भूलौ का दर्पण दिखलाया।।
माँ आज मुझे तेरी लौरी बिन नींद नहीं आती ।
माँ एक बार  आकर मेरी  कमिया गिना जाती।।
माँ मुझे तेरी याद बहुत सताती  है।
मा़ँ तू आज आने मे इतनी क्यौ सताती है।।
आज नही है कोई टोका टोकी करने वाला।
आज कौन है अच्छे बुरे का फर्क बताने वाला।।
माँ एक बार फिरसे आजाओ आजाओ।
आकर अपनी मीठी मीठी बाणी सुनाजाओ।।






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13 Comments

Shrishti pandey

15-Mar-2022 06:05 PM

Nice

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Naresh Sharma "Pachauri"

15-Mar-2022 07:24 PM

धन्यवादजी

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Seema Priyadarshini sahay

15-Mar-2022 05:41 PM

बहुत खूबसूरत

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Naresh Sharma "Pachauri"

15-Mar-2022 07:25 PM

धन्यवादजी

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Punam verma

15-Mar-2022 09:23 AM

Nice

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Naresh Sharma "Pachauri"

15-Mar-2022 11:17 AM

धन्यवादजी

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